17040
09.02.22
Wednesday
*गुस्सा और मतभेद ,बारिस*
*की तरह होना चाहिए , जो*
*बरसे और खत्म हो जाये*
*प्रेम हवा की तरह होना*
*चाहिए , जो खामोश हो*
*किन्तु सदैव आसपास ही रहे॥*
जमीन और मुकद्दर की एक ही फितरत है,
जो बोया है वही मिलना तय है।
09.02.22
Wednesday
*गुस्सा और मतभेद ,बारिस*
*की तरह होना चाहिए , जो*
*बरसे और खत्म हो जाये*
*प्रेम हवा की तरह होना*
*चाहिए , जो खामोश हो*
*किन्तु सदैव आसपास ही रहे॥*
जमीन और मुकद्दर की एक ही फितरत है,
जो बोया है वही मिलना तय है।
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