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Showing posts from February, 2025
 करी पत्ता या कढ़ी पत्ता भारत में इसकी सुगंध और हड़ताली स्वाद के कारण लोकप्रिय हैं। करी पत्ते का पेड़ मूल रूप से भारत में इसकी सुगंधित पत्तियों के लिए उगाया जाता था। अपने अद्भुत और विशिष्ट स्वाद के कारण इसने धीरे-धीरे कई एशियाई किचन में अपनी एक खास जगह बनाई है। स्वाद के साथ ही इसमें अनेक औषधि गुण भी होते है l १. कढ़ी पत्ता विटामिन ए, बी, सी और बी 2 से भरपूर होता हैं। २. करी पत्ते को आयरन और कैल्शियम का अच्छा स्रोत माना जाता है। इस कारण से, कैल्शियम की कमी और कई अन्य स्थितियों के उपचार के लिए करी पत्तियों का उपयोग किया जाता है। ३.वजन घटाना : करी पत्ते वजन घटाने में सहायता कर सकते हैं। इसमें स्थित कार्बाजोल अल्कलॉइड वजन बढ़ाने को रोकता है और शरीर में कोलेस्ट्रॉल के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करता है। वजन कम करने में सहायता के लिए एक्सरसाइज और उचित खानपान के साथ करी पत्ते का सेवन किया जा सकता है। ४. पेचिश, कब्ज और दस्त के इलाज में मदद करता है :करी पत्ते का उपयोग पेट की खराबी के इलाज के लिए किया जा सकता है। सूखे करी पत्ते को पीसकर छाछ में मिला कर खली पेट पिए। दस्त, कब्ज और पेचिश जै...

ଅଦୃଶ୍ୟ ଧୋକା

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Sometimes we don't know what conspiracies are hatched behind our backs. Once it is known, it becomes a kind of problem.  The plot was drawn up with me six to seven months in advance. Which is a problem for me  But I believe that this problem will be solved after a few days.  I believe it will be solved tomorrow if not today. The labor of seven long years will not go to waste.  If not today, then tomorrow the result will be known for sure.  Thank you ବେଳେ ବେଳେ ଆମ ନିଜ ପଛରେ ନିଜ ବିଶ୍ୱାସି କର୍ମ ସହଯୋଗୀ କେଉଁ ସବୁ ଷଡଯନ୍ତ୍ର ରଚନା କରାଯାଇଥାଏ ତାହା ଆମକୁ ଜଣା ପଡିନଥାଏ। ଜଣାପଡ଼ିଲା ପରେ ତାହା ଏକପ୍ରକାର ସମସ୍ୟା ରେ ପରିଣତ ହୁଏ । ଏହି ଷଡଯନ୍ତ୍ର ମୋ ସହିତ ଦିର୍ଘ ଛଅ ରୁ ସାତ ମାସ ଆଗରୁ ରଚନା କରାଯାଇଥିଲା। ଯାହା  ମୋ ପାଇଁ ଏକ ସମସ୍ୟା ଦେଖାଦେଇଛି  କିନ୍ତୁ ଏହି ସମସ୍ୟା କିଛି ଦିନ ପରେ ସମାଧାନ ମଧ୍ୟ ହୋଇଯିବ ବୋଲି ବିଶ୍ୱାସ କରୁଛି ।  ଆଜି ନହେଲେ ମଧ୍ୟ କାଲି ଏହାର ସମାଧାନ ନିଶ୍ଚିତ ଏହା ମୋର ବିଶ୍ବାସ। ଦିର୍ଘ ସାତ ବର୍ଷ ର ପରିଶ୍ରମ ବ୍ୟଥା ଯିବ ନାହିଁ। ଆଜି ନହେଲେ କାଲି ଏହାର ଫଳାଫଳ ନିଶ୍ଚିତ ମିଳିବ। ଧନ୍ୟବାଦ

Kamar Dard

 कमर दर्द को करें तुरन्त गायब... कमर दर्द  हो या, पीठ के नीचले हिस्से में दर्द (रीढ़ की हड्डी के नीचे के नीचले हिस्से में दर्द) या फिर पीठ के ऊपरी हिस्से में दर्द। लोग इस दर्द से काफी परेशान रहते हैं। कई लोग सोचते हैं कि कमर दर्द या पीठ दर्द सिर्फ वृद्धावस्था में होता है, लेकिन यह सच नहीं है। यह किसी भी उम्र में होने वाली तकलीफदेह बीमारी है। आज की बदलती जीवनशैली पीठ या कमर दर्द का कारण बन रही है। महिलाओं में मासिक एवं गर्भावस्था के दौरान कमर दर्द की शिकायत अधिक देखी जाती है। अधिकांश लोग कमर दर्द के लिए अंग्रेजी दवा का इस्तेमाल करते हैं लेकिन आप चाहे तो कमर दर्द का इलाज घरेलू उपाय से भी कर सकते हैं। कमर दर्द (पीठ दर्द) के कारण क्या हो सकते हैं? 1. कैल्शियम की कमी का होना- कमर दर्द (पीठ दर्द) होने की संभावना मुख्य रूप से ऐसे लोगों में अधिक रहती है, जिनके शरीर में कैल्शियम की कमी होती है। 2. ज्यादातर देर तक बैठकर काम करना- आज के वर्तमान समय में ज्यादातर लोगों को बैठकर काम करना पड़ता है। ऐसी स्थिति में ऐसे लोगों को कमर दर्द (पीठ दर्द) होने की संभावना काफी ज्यादा रहती है। 3. अर्थरा...
 यह 15 मंत्र जो हर हिंदू को सीखना और बच्चों को सिखाना चाहिए। 1. Mahadev ॐ त्र्यम्बकं यजामहे, सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम् , उर्वारुकमिव बन्धनान्, मृत्योर्मुक्षीय मामृतात् !! 2. Shri Ganesha वक्रतुंड महाकाय, सूर्य कोटि समप्रभ निर्विघ्नम कुरू मे देव, सर्वकार्येषु सर्वदा !! 3. Shri hari Vishnu मङ्गलम् भगवान विष्णुः, मङ्गलम् गरुणध्वजः। मङ्गलम् पुण्डरी काक्षः, मङ्गलाय तनो हरिः॥ 4. Shri Brahma ji ॐ नमस्ते परमं ब्रह्मा, नमस्ते परमात्ने । निर्गुणाय नमस्तुभ्यं, सदुयाय नमो नम:।। 5. Shri Krishna वसुदेवसुतं देवं, कंसचाणूरमर्दनम्। देवकी परमानन्दं, कृष्णं वन्दे जगद्गुरुम। 6. Shri Ram श्री रामाय रामभद्राय, रामचन्द्राय वेधसे । रघुनाथाय नाथाय, सीताया पतये नमः ! 7. Maa Durga ॐ जयंती मंगला काली, भद्रकाली कपालिनी । दुर्गा क्षमा शिवा धात्री, स्वाहा स्वधा नमोऽस्तु‍ते।। 8. Maa Mahalakshmi ॐ सर्वाबाधा विनिर्मुक्तो, धन धान्यः सुतान्वितः । मनुष्यो मत्प्रसादेन, भविष्यति न संशयःॐ । 9. Maa Saraswathi ॐ सरस्वति नमस्तुभ्यं, वरदे कामरूपिणि। विद्यारम्भं करिष्यामि, सिद्धिर्भवतु मे सदा ।। 10. Maa Mahakali ॐ क्रीं क्र...
 ऐसी पोस्ट बार-बार नही आती, इसे सेव करके सुरक्षित कर लें 🙏 • दूध ना पचे तो - सोंफ • दही ना पचे तो - सोंठ • छाछ ना पचे तो - जीरा व काली मिर्च • अरबी व मूली ना पचे तो - अजवायन • कड़ी ना पचे तो - कड़ी पत्ता • तेल, घी, ना पचे तो - कलौंजी • पनीर ना पचे तो - भुना जीरा • भोजन ना पचे तो - गर्म जल • केला ना पचे तो - इलायची              • ख़रबूज़ा ना पचे तो - मिश्री का उपयोग करें 👉 योग,भोग और रोग ये तीन अवस्थाएं है। ◆ लकवा - सोडियम की कमी के कारण होता है। ◆ हाई बी पी में -  स्नान व सोने से पूर्व एक गिलास जल का सेवन करें तथा स्नान करते समय थोड़ा सा नमक पानी मे डालकर स्नान करें। ◆ लो बी पी - सेंधा नमक डालकर पानी पीयें। ◆ कूबड़ निकलना - फास्फोरस की कमी। ◆ कफ - फास्फोरस की कमी से कफ बिगड़ता है , फास्फोरस की पूर्ति हेतु आर्सेनिक की उपस्थिति जरुरी है। गुड व शहद खाएं। ◆ दमा, अस्थमा - सल्फर की कमी। ◆ सिजेरियन आपरेशन - आयरन , कैल्शियम की कमी। ◆ सभी क्षारीय वस्तुएं दिन डूबने के बाद खायें। ◆ अम्लीय वस्तुएं व फल दिन डूबने से पहले खायें। ◆ जम्भाई - शरीर में आक्सी...

KRIAA Foundation, Organise *CANCER Awareness* Program at Bhubaneswar

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 कलयुग के लक्षण 👇 1. कुटुम्ब कम हुआ . 2 सम्बंध कम हुए  3. नींद कम हुई. 4. बाल कम हुए  5. प्रेम कम हुआ  6. कपड़े कम हुए 7. शर्म कम हुई 8. लाज-लज्जा कम हुई 9. मर्यादा कम हुई 10. बच्चे कम हुए 11. घर में खाना कम हुआ 12. पुस्तक वाचन कम हुआ 13. भाई-भाई प्रेम कम हुआ 15. चलना कम हुआ 16. खुराक कम हुआ 17. घी-मक्खन कम हुआ 18. तांबे - पीतल के बर्तन कम हुए 19. सुख-चैन कम हुआ 20. मेहमान कम हुए 21. सत्य कम हुआ 22. सभ्यता कम हुई 23. मन-मिलाप कम हुआ 24. समर्पण कम हुआ...😔 संतान को दोष न दें... बालक या बालिका को 'इंग्लिश मीडियम' में पढ़ाया... 'अंग्रेजी' बोलना सिखाया...  'बर्थ डे' और 'मैरिज एनिवर्सरी' जैसे जीवन के 'शुभ प्रसंगों' को 'अंग्रेजी कल्चर' के अनुसार जीने को ही 'श्रेष्ठ' मानकर... माता-पिता को 'मम्मा' और 'डैड' कहना सिखाया... जब 'अंग्रेजी कल्चर' से परिपूर्ण बालक या बालिका बड़ा होकर, आपको 'समय' नहीं देता, आपकी 'भावनाओं' को नहीं समझता, आप को 'तुच्छ' मानकर 'जुबान लड़ाता' है और आप को बच्चों ...
 आहार के नियम भारतीय 12 महीनों अनुसार..... 👉 चैत्र ( मार्च-अप्रैल) – इस महीने में गुड का सेवन करे क्योकि गुड आपके रक्त संचार और रक्त को शुद्ध करता है एवं कई बीमारियों से भी बचाता है। चैत्र के महीने में नित्य नीम की 4 – 5 कोमल पतियों का उपयोग भी करना चाहिए इससे आप इस महीने के सभी दोषों से बच सकते है। नीम की पतियों को चबाने से शरीर में स्थित दोष शरीर से हटते है। 👉 वैशाख (अप्रैल – मई)- वैशाख महीने में गर्मी की शुरुआत हो जाती है। बेल पत्र का इस्तेमाल इस महीने में अवश्य करना चाहिए जो आपको स्वस्थ रखेगा। वैशाख के महीने में तेल का उपयोग बिल्कुल न करे क्योकि इससे आपका शरीर अस्वस्थ हो सकता है। 👉 ज्येष्ठ (मई-जून) – भारत में इस महीने में सबसे अधिक गर्मी होती है। ज्येष्ठ के महीने में दोपहर में सोना स्वास्थ्य वर्द्धक होता है , ठंडी छाछ , लस्सी, ज्यूस और अधिक से अधिक पानी का सेवन करें। बासी खाना, गरिष्ठ भोजन एवं गर्म चीजो का सेवन न करे। इनके प्रयोग से आपका शरीर रोग ग्रस्त हो सकता है। 👉 अषाढ़ (जून-जुलाई) – आषाढ़ के महीने में आम , पुराने गेंहू, सत्तु , जौ, भात, खीर, ठन्डे पदार्थ , ककड़ी, पलवल, ...

हींग

 हींग का पानी पीने के फायदें 🙏   आजकल हर घर में कोई न कोई सदस्य किसी ना किसी बीमारी से परेशान रहता है फिर चाहे वो डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, एसिडिटी और जोड़ो का दर्द ही क्यों ना हो। वर्तमान में आधुनिक जीवनशैली, गलत खान-पान और असन्तुलित रहन सहन के कारण ये सब बीमारियां आम हो गयीं है। और अगर आप छोटी छोटी बीमारियों में अंग्रेज़ी दवा लेने लग जाते हैं तो बहुत गलत करते हैं क्योंकि इससे आपकी किडनी पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है। इसके बदले आप इन बीमारियों से बचनें के लिए आयुर्वेदिक युक्तियों का सहारा ले तो यह आपके लिए ज्यादा अच्छा होगा। हम आपको आज एक ऐसी ही आयुर्वेदिक युक्ति बताते हैं जिसका उपगोग करके आप खुद को स्वस्थ रख सकते हैं। ◆ आवश्यक सामग्री   1. गेंहूँ के दाने बराबर हींग 2. 1 गिलास पानी ◆ बनाने की विधि और सेवन का तरीका सबसे पहले आप 1 गिलास हल्के गुन-गुने पानी में लगभग एक गेंहु के दाने बराबर हींग को पानी में घोल ले, फिर इसका सेवन बैठकर करे। अगर आप एसिडिटी, डायबिटीज, खून की कमी और जोड़ो के दर्द से बचना चाहते है तो आप रोज़ाना सुबह हींग के पानी का सेवन करना शुरू कर दें। क्योंकि...